कोचिंग सेंटर्स के लिए सरकार ने लागू किए 10 नए नियम: जानें नई गाइडलाइन के बारे में

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने कोचिंग सेंटर्स के लिए सख्त नियम लागू किए हैं, जिससे छात्रों और अभिभावकों को किसी भी प्रकार की गलतफहमी में नहीं रहना पड़े। नई गाइडलाइन के अंतर्गत कोचिंग सेंटर अब अपने भ्रामक विज्ञापनों के लिए जिम्मेदार होंगे और 50 लाख रुपये तक का जुर्माना भी लग सकता है। आइए, जानते हैं कोचिंग सेंटर्स और टीचर्स के लिए सरकार द्वारा लागू किए गए इन 10 नए नियमों के बारे में विस्तार से।

1. भ्रामक विज्ञापन पर कड़ी कार्रवाई

अब से कोचिंग सेंटर्स 100% सिलेक्शन और जॉब्स का दावा नहीं कर सकते हैं। छात्रों को भ्रमित करने वाले विज्ञापन देने पर Central Consumer Protection Authority (CCPA) द्वारा कड़ी कार्रवाई की जाएगी। भ्रामक विज्ञापन देने पर कोचिंग सेंटर पर 50 लाख रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

2. टॉपर्स की फोटो बिना अनुमति के नहीं लगा सकेंगे

केंद्र सरकार ने यह नियम भी लागू किया है कि कोचिंग सेंटर बिना अनुमति के अपने टॉपर्स की फोटो का इस्तेमाल नहीं कर सकते। यह नियम छात्रों के निजता के अधिकार को बनाए रखने के लिए लागू किया गया है। कोचिंग सेंटर्स अब टॉपर्स की फोटो तभी छाप सकते हैं जब उन्हें छात्रों से लिखित अनुमति मिल जाए।

3. फर्जी टॉपर्स के नाम का इस्तेमाल करने पर रोक

कई कोचिंग सेंटर्स फर्जी नामों का इस्तेमाल कर सफलता के फर्जी दावे करते हैं। अब सरकार ने इस पर कड़ी नजर रखी है और ऐसा करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। कोचिंग संस्थान को प्रमाणित टॉपर्स की ही जानकारी देनी होगी।

4. फीस में पारदर्शिता

अब से कोचिंग सेंटर्स को अपनी फीस स्ट्रक्चर पूरी तरह से स्पष्ट और पारदर्शी बनानी होगी। कोई भी छुपी हुई फीस नहीं ली जा सकेगी, और कोचिंग सेंटर को अपनी फीस रिफंड पॉलिसी भी बतानी होगी। इससे छात्रों और अभिभावकों को आर्थिक नुकसान से बचाया जा सकेगा।

5. कोचिंग सेंटर में सुरक्षा मानकों का पालन अनिवार्य

सरकार ने कोचिंग सेंटर्स को छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। कोचिंग सेंटर्स को अपने परिसर में फायर सेफ्टी, मेडिकल इमरजेंसी और अन्य सुरक्षा सुविधाओं का उचित प्रबंध करना होगा।

6. उपभोक्ता शिकायत निवारण तंत्र का प्रावधान

हर कोचिंग सेंटर को एक शिकायत निवारण तंत्र स्थापित करना अनिवार्य होगा, जिससे छात्र अपनी समस्याओं को आसानी से समाधान करवा सकें। इसके लिए एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया जा सकता है, जिससे छात्रों को तुरंत सहायता मिले।

7. कोचिंग सेंटरों की जिम्मेदारी

कोचिंग सेंटर्स अब से यह दावा नहीं कर सकते कि उनका सेंटर ही सफलता का एकमात्र माध्यम है। केंद्र सरकार ने यह साफ किया है कि असफलता के लिए छात्र को दोषी नहीं ठहराया जा सकता और न ही छात्रों पर कोई अनावश्यक दबाव डाला जा सकता है।

8. अनिवार्य अवकाश और ब्रेक

कोचिंग सेंटर्स को छात्रों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगा। छात्रों के लिए अनिवार्य ब्रेक और अवकाश देना आवश्यक होगा ताकि वे मानसिक रूप से स्वस्थ रहें और पढ़ाई में दबाव न महसूस करें।

9. अनुचित दबाव और तनाव नहीं देंगे

कोचिंग सेंटर्स को यह सुनिश्चित करना होगा कि किसी भी छात्र पर अधिक दबाव न डाला जाए। छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखने के लिए टीचर्स को निर्देश दिए गए हैं कि वह छात्रों को उचित तरीके से पढ़ाई में मार्गदर्शन करें।

10. कोचिंग सेंटर्स के प्रमाणीकरण की अनिवार्यता

सरकार ने कोचिंग सेंटर्स के लिए प्रमाणपत्र प्राप्त करना अनिवार्य किया है। इस प्रमाणपत्र से छात्रों को यह भरोसा होगा कि यह सेंटर सभी सरकारी मानकों का पालन कर रहा है।

नई गाइडलाइन का उद्देश्य

सरकार की यह नई गाइडलाइन छात्रों और अभिभावकों को कोचिंग सेंटर्स के भ्रामक दावों से बचाने के लिए बनाई गई है। सरकार का उद्देश्य है कि कोचिंग सेंटर्स अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से लें और छात्रों के मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखें। PM Modi News के अनुसार, इन नियमों का पालन न करने वाले कोचिंग सेंटर्स पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

निष्कर्ष

कोचिंग सेंटर्स के लिए सरकार द्वारा लागू किए गए ये 10 नए नियम टीचर्स और स्टूडेंट्स के हित में हैं। इससे छात्रों को एक सुरक्षित और स्वस्थ अध्ययन का माहौल मिलेगा। इस नई गाइडलाइन का पालन करने से न केवल कोचिंग सेंटर्स की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि यह छात्रों के भविष्य को भी सुरक्षित बनाएगा।

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